Saturday, September 2, 2023

Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand | रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद - रामधारी सिंह ' दिनकर '

Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand
रात यूँ कहने लगा मुझसे गगन का चाँद

Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand हेल्लो साथियों आज हम रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित एक और बेहतरीन रचना का अध्ययन करेंगे और आनंद लेंगे । राष्ट्रकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित कविता रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद मानव जाति और चांद के बीच के संवाद की कल्पना के अंतर्गत किया है। 

मनुष्य निरंतर प्रगतिशील प्राणी है और हर मनुष्य के अन्दर जीवन जीने की बेहतरीन आकांछा होती है । यह पाषणयुग से आधुनिक युग तक के कालखंड में मनुष्य के प्रोन्नति से देखा जा सकता है । हर दिन नए स्वप्न देखना और फिर उसको प्राप्त करने हेतु एड़ी चोटी की जोर लगा देना ,मनुष्य की मुख्य विशेषता रही है । इस कविता के माध्यम से दिनकर जी Ramdhari Singh Dinkar ने मनुष्य को एक संघर्श्वान और निरन्तर अपने लक्ष्य की ओर केन्द्रित रहने वाले प्राणी की रूप में किया है।

Raat Yun Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand | रात यूँ कहने लगा मुझसे गगन का चाँद

रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद
आदमी भी क्या अनोखा जीव होता है
उलझनें अपनी बनाकर आप ही फँसता 
और फिर बेचैन हो जगता न सोता है

जानता है तू कि मैं कितना पुराना हूँ
मैं चुका हूँ देख मनु को जन्मते मरते
और लाखों बार तुझ से पागलों को भी 
चाँदनी में बैठ स्वप्नों पर सही करते 

आदमी का स्वप्न है वह बुलबुला जल का
आज उठता और कल फिर फूट जाता है
किन्तु  फिर भी धन्य ठहरा आदमी ही तो 
बुलबुलों से खेलता, कविता बनाता है 

मैं न बोला किन्तु मेरी रागिनी बोली
देख फिर से, चाँद! मुझको जानता है तू 
स्वप्न मेरे बुलबुले हैं है यही पानी 
आग को भी क्या नहीं पहचानता है तू

मैं न वह जो स्वप्न पर केवल सही करते 
आग में उसको गला लोहा बनाती हूँ
और उस पर नींव रखती हूँ नये घर की
इस तरह दीवार फौलादी उठाती हूँ 

मनु नहीं मनुपुत्र है यह सामने जिसकी 
कल्पना की जीभ में भी धार होती है
वाण ही होते विचारों के नहीं केवल 
स्वप्न के भी हाथ में तलवार होती है 

स्वर्ग के सम्राट को जाकर खबर कर दे
रोज ही आकाश चढ़ते जा रहे हैं वे 
रोकिये जैसे बने इन स्वप्नवालों को
स्वर्ग की ही ओर बढ़ते आ रहे हैं वे

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Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand
प्रेरणादायक कविता 

Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand

Raat yon kahane laga mujhase gagan ka chaand
Aadamee bhee kya anokha jeev hota hai
ulajhanen apanee banaakar aap hee phansata 
aur phir bechain ho jagata na sota hai

Jaanata hai too ki main kitana puraana hoon
Main chuka hoon dekh manu ko janamate marate
aur laakhon baar tujh se paagalon ko bhee 
chaandanee mein baith svapnon par sahee karate

Aadami ka svapn hai vah bulabula jal ka
aaj uthata aur kal phir phoot jaata hai
kintu phir bhee dhanya thahara aadami hi to
bulabulon se khelata kavita banaata hai 

main na bola kintu meree raaginee bolee
dekh phir se chaand mujhako jaanata hai tu 
svapn mere bulabule hain? hai yahee pani 
aag ko bhee kya nahin pahachaanata hai tu

main na vah jo svapn par keval sahi karate 
aag mein usako gala loha banaatee hoon
aur us par neenv rakhatee hoon naye ghar ki 
is tarah deevaar phaulaadee uthaatee hoon 

manu nahin manuputr hai yah saamane, jisakee 
kalpana kee jeebh mein bhee dhaar hotee hai 
vaan hee hote vichaaron ke nahin keval
svapn ke bhee haath mein talavaar hotee hai

svarg ke samraat ko jaakar khabar kar de
roj hee aakaash chadhate ja rahe hain ve 
rokiye, jaise bane in svapnavaalon ko
svarg kee hee or badhate aa rahe hain ve

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रश्मिरथी सम्पूर्ण सर्ग - रामधारी सिंह दिनकर



इस कविता Raat Yo Kahne Laga Mujhse Gagan Ka Chand | रात यों कहने लगा मुझसे गगन का चाँद - रामधारी सिंह ' दिनकर '  के माध्यम से दिनकर जी ने उस पंक्ति को चरितार्थ किया है  जिसमे उल्लखित है कि 'जहां न पहुचे रवि वहां पहुंचे कवि' । रामधारी सिंह जी ने 1946 में इस प्रेरणादायक कविता की रचना की थी । रामधारी सिंह दिनकर चांद को चेतावनी देते हुए कहते हैं ये स्वप्न देखने और उन स्वप्नों को पूरा करने वाले मनुष्य चांद तक आने वाले है ये मनुष्य अपने विचारों को उसी तरह जन्म देते हैं जिस तरह से पानी का बुलबुला उठता है । फलत: मनुष्य द्वारा चांद पर पहला कदम 20 जुलाई 1969 को रखा गया । यह राष्ट्र कवि की दूरदर्शी कल्पना और तार्किक मनोभावों का एक बेहतरीन उद्धरण है।
आशा करता हूँ कि यह कविता आपको प्रेरित करेगी और दिनकर जी के प्रति आपके रुझानो को बढ़ाएगी । आप इस कविता को अपने मित्रों के साथ साझा कर सकते है ।
 धन्यवाद  

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