Saturday, September 2, 2023

पेड़ पर 10+ बेहतरीन कविता | Best Poem on Tree in Hindi

Poem on Tree in Hindi: पेड़ों के बिना, इस पृथ्वी पर जीवन कि कोई कल्पना नहीं कि जा सकती। प्रत्येक जीवित प्राणी विश्व की जनसंख्या के स्वास्थ्य से प्रभावित होता है। पेड़ पर्यावरण से लेकर हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य तक हर चीज को प्रभावित करते हैं। जैसे-जैसे दुनिया में पेड़ों की आबादी घटती जा रही है, जंगल और शहरी पेड़ों की आबादी के संबंध में देरी और जागरूकता अब व्यावहारिक विकल्प नहीं रह गए हैं।

इस लेख में, हम पेड़ पर 10+ बेहतरीन कविता - Best Poem on Tree in Hindi प्रस्तुत करते हैं जो हमें वन्य जीवन, पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए जंगल और शहरी परिवेश में पेड़ों के महत्व को जानने के लिए प्रेरित करती हैं। तो आइये पढ़ते हैं Best Poem on Tree in Hindi, Tree Poem in Hindi, Ped Par Kavita, Tree Poetry In Hindi, पेड़ बचाओ पर कविता, पेड़ पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं

1-पेड़ पर कविता हिंदी में (Best Tree Poem in Hindi)

वृक्ष धरा के भूषण है

करते दूर प्रदूषण है।

हम सबको भाते हैं वृक्ष

हरियाली लाते हैं वृक्ष।

पत्थर खाकर भी फल देते

हवा के विश्व को ये हर लेते।

प्राण वायु हर पल ये देते

फिर भी हमसे कुछ ना लेते।

क्या दुनिया में कोई भी

पेड़ों सा हितकारी है

बिना स्वार्थ के सब कुछ देते

पेड़ बड़े उपकारी है।

उपकार मारना दूर ये

मानव कितना अत्याचारी है

काट-काट के पेड़ों को

खुद पर ही कुल्हाड़ी मारी है।

2- पेड़ लगाओं बारम्बार

धरती की बस यहीं पुक़ार,

पेड़ लगाओं बारम्बार।

आओं मिलक़र कसम ख़ाएं,

अपनी धरती हरित बनाये।

धरती पर हरियालीं हो,

जीवन मे ख़ुशहाली हो।

पेड़ धरतीं की शान हैं,

ज़ीवन की मुस्क़ान हैं।

पेड़ पौधो को पानी दें,

ज़ीवन की यहीं निशानी दे।

आओं पेड़ लगाये हम,

पेड़ लगाक़र ज़ग महकाक़र।

जीवन सुख़ी बनाये हम,

आओं पेड़ लगाये हम।

3-वृक्षों का उपकार: Best Poem on Tree in Hindi

काट रहे हो तुम वृक्षों को,

कुछ भी नहीं विचार किया।

वृक्षों ने जो कुछ भी पाया,

उसे हमीं पे वार दिया।।

इतना बड़ा हमारा जग है,

क्षरण यहाँ स्वीकार नहीं।

वे भी जीव इसी जग के हैं,

जीना क्या अधिकार नहीं?

फल अरु फूल दिया है इसने,

राही को भी छावं दिया।

वृक्षों ने जो कुछ भी पाया,

उसे हमीं पे वार दिया।।

शिक्षा हमें कहाँ ले जाती,

नैतिक यदि आधार नहीं।

माना युग भी बदल रहा है,

पर इतना अनुदार नहीं।।

कितनी भूमि यहाँ उर्वर है,

नैतिकता विश्वास दिया।

वृक्षों ने जो कुछ भी पाया,

उसे हमीं पे वार दिया।।

बिना पेड़ जीवन क्या संभव,

समझ न पाता कोई क्यों?

सूरज की किरणों में तपकर,

देते छाँव हमें वर्षों।।

व्यक्त नहीं कर सकता कोई,

हमपर जो उपकार किया।

वृक्षों ने जो कुछ भी पाया,

उसे हमीं पे वार दिया।।

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4-आओ मिलकर पेड़ लगाएं: Tree Poem in Hindi

Poem on Tree in Hindi: ये पेड़ पर सर्वश्रेष्ठ कविताएं वे हैं जो हमारे आस-पास के पेड़ों के प्रति सराहना दर्शाती हैं। हमें उम्मीद है कि इन प्रकृति कविताओं के छंद ऐसे हैं जो आपको हमारे चारों ओर मौजूद पेड़ों की प्राकृतिक सुंदरता की याद दिलाएंगे, जिनसे आप जुड़ सकते हैं।

आओ मिलकर पेड़ लगाएं

पृथ्वी को हरा-भरा बनाए 

पेड़ों के मीठे फल खाएं

फूलों की सुगंध फैलाएं 

पेड़ों से छाया हम पाएं

चारों ओर प्राणवायु फैलाएं 

मिट्टी को उपजाऊ बनाएं

भूजल स्तर को यह बढ़ाएं

बारिश का पानी ये ले आए

मिट्टी के कटाव को ये बचाएं 

पक्षी इनपर अपना नीड़ बनाए

प्रदूषण से ये हमें बचाएं

जब पेड़ों से लाभ इतना पाएं

तो मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए

इन पेड़ों को क्यूं सताए

इनके संरक्षण की कसम हम खाएं 

आओ मिलकर पेड़ लगाएं

आओ मिलकर पेड़ लगाएं

5- पेड़ों की यह शान तो देखो: Hindi Kavita on Tree

पेड़ों की यह शान तो देखो,

उनकी यह आन तो देखो,

देखो पेड़ों की  ये महानता,

खुद धूप में खड़ा है रहता,

पर हमको छाव है देता।

पेड़ों को काटकर करो ना भूल,

क्योंकि हम को देते हैं फल फूल,

पेड़ों की ये शान तो देखो,

उनकी ये आन तो देखो।

पेड़ों की देखकर शीतल छाया,

भूल जाओगे जीवन की सारी मोह माया।

पेड़ हमें जीवन है देते,

लेकिन हम से कुछ नहीं लेते।

पेड़ बहुत गुणकारी है

इससे ही हरियाली है

पेड़ हमें देते हैं वायु

पेड़ हमें देते लंबी आयु

पेड़ों की ये शान तो देखो

और तो और पेड़ों की आन तो देखो।

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6- पेड़ की आत्मा की दुःख भरी कविता- Sad Tree Poetry In Hindi

खुश था  मे  अपनी जीवन मे,

फिर एक दिन इंसान आया|

इंसान को अपनी ओर आते देख,

मेरा मन बहुत घबराया|

इंसान के हाथ मे कुल्हाड़ी देख,

मुझे अपना अंत समय नजर आया|

मै इंसान के सामने बहुत गिड़गिड़ाया,

पर इंसान ने मुझे  काट गिराया|

मै भागना चाहता था,

पर पैर नही थे  मेरे पास|

मै उड़ना  चाहता था,

पर पंख  नही थे मेरे पास|

किसने हक दिया तुझे ए  इंसान,

जो हमें  ऐसे काट गिराएगा|

अगर तू  ही बन जायेगा हमारा दुश्मन,

तो हमें कौन बचायेगा|

7- पेड़ होते हैं मित्र हमारे: Best Tree Poetry In Hindi

क्या आप पेड़ बचाओ पर आधारित सर्वश्रेष्ठ कविताएँ खोज रहे हैं? इस पोस्ट में हमने पेड़ों और जंगलों के बारे में दस सर्वश्रेष्ठ कविताओं का चयन किया है, जो पूरे अंग्रेजी साहित्य के कुछ सबसे प्रसिद्ध कवियों द्वारा लिखी गई हैं। इनमें प्रतीकात्मक उद्यानों पर आधारित कविताओं से लेकर काटे गए विशिष्ट पेड़ों के बारे में कविताएं, पेड़ों के बारे में कविताएं शामिल हैं जो नश्वरता और जीवन की संक्षिप्तता के बारे में विचार उत्पन्न करती हैं।

पेड़ होते हैं मित्र हमारे

सबसे प्यारे सबसे न्यारे 

देते हमको फल फूल और मेवे

डाले इन पर चिड़ियों ने बसेरे

करते हैं हर दूर बीमारी

देते हैं हवा वो भी प्यारी प्यारी

बारिश का पानी बरसाए

मीठे फल देकर हमको रिझाये

पेड़ होते हैं मित्र हमारे

सबसे प्यारे सबसे न्यारे 

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8- पेड़ बचाओ पर कविता: Poem on Save Tree in Hindi

एक दिन  इंसान जरूर पछतायेगा

अगर वो दिन - 

रात आज पेड़ों को ऐसे काटेगा

न शुद्ध  ऑक्सीजन मिलेगी उसको तब

नहीं शुद्ध  जल उसको मिल पायेगा

अगर इंसान सरेआम 

पेड़ो को आज काट गिराएगा

न वर्षा  होंगी धरती में 

फिर इंसान क्या खायेगा

सुखी पड़ जाएगी धरती 

इंसान फसल कैसे उगायेगा

जीते जी  धरती को 

इंसान नर्क बनाके छोड़ेगा 

सरेआम इंसान अगर 

ऐसे पेड़ो को काटते जायेगा

एक दिन इंसान जरूर पछतायेगा |

9- अगर पेड़ पर रूपये फलते: Ped Par Kavita

अगर पेड़ पर रूपये फलते

टप टप टप टप रोज टपकते

अगर पेड़ में रूपये फलते

सुबह पेड़ के नीचे जाते

ढेर पड़े रूपये मिल जाते

थैलों में भर भर कर रूपये

हम अपने घर में ले आते

मूंछों पर दे ताव रोज हम

सीना तान अकडके चलते

कभी पेड़ पर हम चढ़ जाते

जोर जोर से डाल हिलाते

पलक झपकते ढेरों रूपये

तरुवर के नीचे पुर जाते

थक जाते हम मित्रों के संग

रूपये एकत्रित करते करते

एक बड़ा वाहन ले आते

उसको रुपयों से भरवाते

गली गली में टोकनियों से

हम रूपये भरपूर लुटाते

वृद्ध गरीबों भिखमंगो की

रोज रुपयों से झोली भरते

निर्धन कोई नहीं रह पाते

अरबों के मालिक बन जाते

होते सबके पास बगीचे

बड़े बड़े बंगले बन जाते

खाते पीते धूम मचाते

हम सब मिलकर मस्ती करते

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10- मैं हूं पेड़ मुझे मत काटो: पेड़ काटने पर कविता

मैं हूं पेड़ मुझे मत काटो

टुकड़ों-टुकड़ों में मुझे मत बांटो

दर्द मुझे भी होता है…

मेरा मन भी रोता है

मैं हूं मित्र तुम्हारा

सका हूं सबसे न्यारा

मेरे फल खुद नहीं खाता हूं…

सब तुम्हें ही तो दे जाता हूं

जहरीली गैसे भी पी जाता हूं

शुद्ध हवा तुम तक पहुंचाता हूं

सूरज का भी ताप सहू…

मैं हूं जीवन का आधार।

फिर भी तुम मुझ पर करते प्रहार

सुनो तुम सब कान लगाकर

वृक्षों का करना सम्मान…

मैं हूं जीवन का आधार।

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